होम अद्भुत कथायें जानिए रावण के जीवन से जुडी कुछ ख़ास जानकारियां

जानिए रावण के जीवन से जुडी कुछ ख़ास जानकारियां

by Tulsi Pandey

लंका का राजा दशानन रावण बहुत छली, कपटी और दुष्ट होने के साथ साथ कई अच्छाई भी रावण के अन्दर थी | इसी वजह से इतनी बुराई होने के बाद भी दशानन को महान विद्वान्, ज्ञानी पंडित और पराक्रमी कहा जाता है | बिभिन्न ग्रंथो में दशानन के जीवन से जुडी बुराइयों के साथ साथ कुछ अच्छाई भी लिखी गई है | रावण के जीवन से जुडी कई ऐसी रोचक जानकारियाँ है जो आज तक भी किसी को पता नहीं है तो आइये जानते है दशानन के जीवन से जुडी कुछ रोचक जानकारियाँ –

वीर पराक्रमी योद्धा था रावण

कई ग्रंथो में उल्लेख मिलता है की जब रावण युद्ध के लिए जाता था तो अपनी सेना को पीछे रखकर बो बहुत आगे चलता था जिसकी वजह से कई ऐसे युद्ध दशानन ने लडे जो बो खुद अकेले ही जीत गया | इसी प्रकार रावण ने यमपुरी यानी यमलोक में पहुंचकर यमराज को अकेले ही युद्ध में हरा दिया था और यमलोक में नरक की सजा भुगत रही आत्माओ को बंधन से छुड़ा कर अपनी सेना में शामिल कर लिया था |

किस किस से हारा रावण

रावण बहुत ही वीर और पराक्रमी राजा था जिसने कई युद्ध सिर्फ अकेले ही जीते थे इतना साहसी और पराक्रमी होने के बाद भी दशानन कई लोगो से हारा | बाली इतना पराक्रमी था की वो सुबह जागकर सबसे पहले चार समुद्रो की परिक्रमा करता था और सूर्य देव को जल चढ़ाता था | बाली ने रावण को अपने कंधे में दबाकर चारो समुद्रो की सात परिक्रमा लगायी थी | रावण जब बाली से युद्ध करने गया था तो उसे पहले महल में खेल रहे बच्चो ने ही पकड़कर घोड़ो के साथ अस्तबल में बाँध दिया था | एक बार राबं सहस्त्रबाहू के साथ युद्ध करने गया था तब सहस्त्रबाहू ने अपने हजार हाथो से नर्मदा नदी का पानी रोककर उसमे रावण को उसकी सेना के साथ बहा दिया था | रावण इसके बाद भी दुबारा से सहस्त्रबाहू के साथ युद्ध करने के लिए पहुंचा तो सहस्त्रबाहू ने उसे पकड़कर जेल में बंदी बनाकर डाल दिया था | एक बार रावण अपने अहंकार में भगवान् शंकर के साथ भी युद्ध करने पहुँच गया था तबी भगवान् शिव से हार कर रावण ने उन्हें अपना गुरु स्वीकार कर लिया था |

महिलाओं के प्रति गलत भावना

भगवान् भी महिलाओं के प्रति गलत भावना और उनसे गलत व्यहार करने बाले को माफ़ नहीं करता है | ग्रंथो के अनुसार दुनिया में जो पहली पांच संताने पैदा हुई थी उनमे भी तीन संताने महिलायें थी | भगवान् ने भी महिलाओं को सदैव ही पुरुषो से ज्यादा महत्व और सम्मान दिया है | रावण के मन में सदैव ही महिलाओं के लिए गलत भावना रही बो कभी भगवान् के निर्णय को समझ ही नहीं पाया और उसने सदैव ही महिलाओं को सिर्फ वासना मिटाने की वास्तु समझा | रावण अपने अहंकार और शक्ति के प्रभाव में ये कभी नहीं समझ पाया की महिलाओं का सम्मान परम आवश्यक है जिसकी वजह से उसे माता सीता और रंभा जैसी कई महिलाओं के श्राप मिले जो उसके और समस्त कुल के सर्वनाश का कारण बने |

बुराई सुनना नहीं था पसंद

रावण हमेशा अपने चापलूसों से घिरा रहता था क्योंकि रावण की सबसे बड़ी कमी yahi थी की उसे अपनी बुराई सुनना पसंद नहीं था | रावण गलती करने के बाद भी अपनी तारीफ़ ही सुनना पसंद करता था | जिसकी वजह से जब भी उसे किसी ने उसकी बुराई बताने का प्रयास किया तो उसने उन्हें अपमानित करके अपने आपसे दूर कर दिया जैसे नाना माल्यवंत, भाई विभीषण और राज मंत्री शुक आदि |

शराब में सुगंध लाना चाहता था रावण

रावण चाहता था की शराब में से दुर्गन्ध खत्म हो जाये और सुगंध आने लगे जिससे सभी लोग इसका सेवन करना शुरू करदे और वो आसानी से लोगो को अधर्म के मार्ग पर ले जा सके |

काला रंग गोरा करना चाहता था

रावण स्वं काला था जिससे उसे कई बार महिलाओं से अपमान सहना पडा था | इसीलिए रावण चाहता था की पृथ्वी पर जितने भी मानव जाती के लोग है बो सब गोर हो जाए जिससे कोई भी महिला उनका अपमान ना कर सके |

अपने बल पर अहंकार

रावण को अपने बल पर बहुत ज्यादा अहंकार था वो बिना कुछ भी सोचे किसी को भी अपने साथ युद्ध के लिए चुनौती दे देता था | जिसकी वजह से उसे कई बार हार का सामना करना पड़ा था रावण भगवान् शिव, बाली, राजा बाली, सहस्त्रबाहू और अर्जुन से बिना कुछ सोचे युद्ध करने पहुँच गया था जिससे उसे हार का मुंह देखना पडा था |

रथ में होते थे गधे

रामायण काल में सभी राजा माहाराजाओं के राथों में अच्छे घोड़े हुआ करते थे मगर रावण अपने रथ में गधे लगबाता था उसका मानना था की गधे घोड़ो की अपेक्षा तेज़ भागते है जिससे बो कही भी तेज़ी से आ जा सकता है |

रावण का वैभव

गोस्वामी तुलसीदास के द्वारा लिखित रामचरितमानस में लिखा मिलता है की सभी देवतागण, दिगपाल और गृह रावण के दरबार में हाथ जोड़कर खड़े राहते थे | रावण के महल में जो अशोक वाटिका नाम का बाग़ था उसमे अकेले अशोक के पेड़ ( स्वर्ग लोक में पाए जाने बाले पेड़ ) ही एक लाख से ज्यादा की संख्या में थे और वंहा सिर्फ रावण की ही जाने की अनुमति थी |

स्वर्ग तक सीडियां बनाने का सपना

रावण चाहता था की सभी लोग जो भगवान् को मानते है उसे मानना शुरू कर दे इसके लिए उसने धरती से स्वर्ग तक सीडियां बनाने का प्रयास भी किया था | उन दिनों मोक्ष औए स्वर्ग पाने के लिए भगवान् की पूजा की जाती थी तो भगवान् की सत्ता को मिटाने के लिए रावण स्वर्ग तक सीडियां बनाना चाहता था |

संगीत का ज्ञानी

रावण को पराक्रमी और महान विद्वान् के साथ संगीत का महान जानकार भी माना जाता है कहा जाता है की जो वीणा सरस्वती जी के हाथ में रहती है उसका आविष्कार भी रावण ने ही किया था रावण को ज्योतिष के साथ साथ तंत्र मन्त्र और आयुर्वेद का भी अच्छा ज्ञान था |

खून का रंग सफ़ेद करना चाहता था

रावण जब विश्व विजय पर निकाल था तो उसने कई लोगो को मारा और खून को बहाया | जिससे नदियों और सरोवरों का पानी लाल हो गया और प्रक्रति का संतुलन बिगड़ने लगा | जिसके लिए देवताओं ने रावण को जिम्मेदार माना इसीलिए दशानन खून का रंग सफ़ेद करना चाहता था | जिससे खून जब नदी या सरोवर में जाए तो पानी के साथ मिलकर पानी के जैसा हो जाए | जिससे किसी को पता नहीं चलेगा की उसने कितना रक्त बहाया है |

सोने में सुगंध डालना चाहता था

रावण सोने का बहुत प्रेमी था जिससे वह समस्त संसार के सोने को अपने कब्जे में लेना चाहता था | मगर सोने को खोजना कठिन होता था इसीलिए बो सोने में सुगंध डालना चाहता था जिससे सोने को आसानी से खोजा जा सके |

0 कमेंट
0

You may also like

एक टिप्पणी छोड़ें