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धन और स्त्री में से किसे चुनना चाहिए

by Divine Tales
धन और स्त्री में से किसे चुनना चाहिए

धन और स्त्री में से किसी एक को चुनना बहुत मुश्किल होता है.. लेकिन क्या आप जानते है आचार्य चाणक्य ने आपकी इस समस्या का हल बहुत पहले ही बता दिया था…

धन और स्त्री में से किसे चुनना चाहिए

आपको बता दें चाणक्य के अनुसार किसी तकलीफ या फिर इमरजेंसी की स्थिति में बचाव के लिए आपको धन की रक्षा करनी चाहिए… ये बहुत जरुरी है.. और अगर कभी जरुरत पड़ें तो अपना सारा धन खर्च कर के स्त्री की रक्षा करो..

लेकिन स्त्री और धन की रक्षा से भी ज्यादा जरुरी है.. आप अपनी रक्षा करें… यानि की अगर बात आप पर आ जायें.. तो ऐसे में स्त्री और धन दोनों का त्याग कर के खुद को बचाना ही सही है।

दरअसल, चाणक्य नीति के पहले अध्याय के चौथे श्लोक के अनुसार जिस तरह मूर्ख शिष्य को शिक्षा देने का कोई मतलब नहीं.. उसी प्रकार दुष्ट स्त्री का साथ देना.. उसका पालन- पोषण करना भी बेकार है…

इतना ही नहीं अगर आपका धन नष्ट हो गया है.. या फिर आप किसी दुखी इंसान के साथ मेल- जोल बढ़ा रहें हैं… तो आप कितने ही बुद्धिमान हो.. कितने ही तेज दिमाग के हो.. इन सभी पररिस्थितियों में आपको भयंकर तकलीफ उठानी ही पडेगी।

चाणक्य की माने तो इस स्थितियों में आने के बाद आपको लोग मूर्ख ही कहेंगे।

आचार्य चाणक्य के अनुसार जिस घर की महिलाएं चरित्रहीन होती हैं, उस घर के मुखिया की हालत एक मरे हुए इंसना के समान होती हैं… चाणक्य ने ऐसा इसलिए कहा है कि क्यों कि ऐसे में घर का मुखिया कुछ कर नहीं पाता… और अंदर ही अंदर कुढ़ा करता है… ठीक इसी तरह अगर आप किसी को अपना खास दोस्त मानते हैं.. 

लेकिन उस इंसान का स्वभाव अच्छा नहीं है… या वो दुष्ट स्वभाव का है तो उस पर भूलकर भी विश्वास करने की गलती न करें.. क्यों कि ऐसा दोस्त कभी भी धोखा दे सकता है… ऐसे में ये तो वही बात हो जायेगी कि आप किसी सांप के साथ रह रहे हैं और न जाने कब वो आपको डंस कर अपना शिकार बना लें।

दोस्तों आपको बता दें.. इसके साथ ही चाणक्य ने ऐसी स्त्रियों के बारे में भी बताया है.. जिन्हें भूलकर आप अपना जीवनसाथी बनाने की गलती न करें.. वरना इससे आपकी जिंदगी नर्क बन जायेंगी.. लेकिन क्या आप जानते है कौन है वो स्त्रियां..

पहली स्त्री है.. चरित्रहीन स्त्री

चाणक्य नीति में आचार्य चाणक्य ने कहा है कि जो भी स्त्री एक से ज्यादा पुरूषों के साथ मेल- जोल बनाती है… ऐसी स्त्रियों से हमेशा उचित दूरी बनाकर रखनी चाहिए। इस तरह की स्त्रियों के हाथ से परोसा खाना खाना भी पाप माना गया है।

इतना ही नहीं यहां तक जो स्त्रियां धुम्रपान, मदिरापान या किसी भी तरह का नशा करती हो उनसे तो कोसो दूर रहना चाहिए… ऐसी स्त्रियों की वजह से समाज में आपके  मान- सम्मान मजाक बन सकता है.. इतना ही नहीं आप किसी बड़ी मुसीबत में भी फंस सकते हैं।

दूसरी है लालची स्त्री

चाणक्य कहते हैं कि जब स्त्री लालच करने लगती है तब वह घर की सारी सुख शांति को नष्ट करने के लिए पहला कदम लेती है.. लालच के चलते पूरे घर वालों का जीवन कलेश और अशांति से भर जाता है… जो सिर्फ पैसे के लिए आपके साथ हो, आपको ऐसे शख्स के साथ भूलकर भी जीवन बिताने का फैसला नहीं लेना चाहिए.. आपका ये एक गलत फैसला आपके लिए जीवनभर की सजा बन सकता है।

तीसरी है अपनी सुंदरता को ही सबकुछ मानने वाली

आचार्य चाणक्य ने कहा है कि स्त्री की सुंदरता ही उसके लिए सब कुछ नहीं होनी चाहिए… अगर कोई पुरुष अपने जीवन में केवल स्त्री की खुबसूरती देखकर उसके साथ जीवन बिताने या शादी करने का फैसला लेता है, तो उससे बड़ा मूर्ख पूरी दुनिया में कोई नहीं हो सकता… 

इसी लिए कहा जाता है कि शादी के लिए कभी भी स्त्री की सुंदरता नहीं देखना चाहिए… हमेशा उसके आचरण, स्वभाव और मन को ही देखना चाहिए.. जो स्त्री आचरण से सुंदर होती है.. वो हमेशा अपना घर परिवार को जोड़कर रखती है।

चौथी है गलत संस्कारों वाली स्त्री

चाणक्य नीति में स्त्री के संस्कारों पर खास तौर से जोर डाला गया है.. अगर चाणक्य की नीति शास्त्र पर नजर डाली जाए तो उसमें साफ शब्दों में बताया गया है.. कि अच्छे संस्कारों वाली स्त्री घर को स्वर्ग बना देती है.. और बुरे संस्कार वाली उसी स्वर्ग को नरक में बदलने में जरा भी समय नहीं लगाती… ऐसी स्त्री परिवार के साथ-साथ अपना बसा- बसाया घर भी तबाह कर देती है।

दोस्तों आपको ये जानकारी कैसी लगी हमें जरुर बतायें। अगर आप इसका वीडियो देखना चाहते हैं तो दिये गये लिंक पर क्लिक कर के देख सकते हैं।

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