होम अद्भुत कथायें हिन्दू धर्म के दस सबसे शक्तिशाली देवता – Ten most powerful god of Hinduism

हिन्दू धर्म के दस सबसे शक्तिशाली देवता – Ten most powerful god of Hinduism

by Tulsi Pandey
शक्तिशाली देवता

हिन्दू धर्मग्रंथो में वैसे तो तैंतीस करोड़ देवी-देवताओं के बारे में वर्णन किया गया है। लेकिन दोस्तों आज के इस पोस्ट में मैं आपको हिन्दू धर्म के दस सबसे शक्तिशाली देवता के बारे में बताने जा रहा हूँ। तो आई जानते हैं हिन्दू धर्म के दस सबसे शक्तिशाली देवता के बारे में . 

10. यमदेव

सबसे पहले हम बात करेंगे यमदेव की। यमदेव को इस संसार का पहला मनुष्य कहा जाता है जो मृत्यु को प्राप्त हुए। यमदेव का प्रसिद्ध मंदिर तमिलनाडु के श्रीवांचियम में स्थित है। ग्रंथों के अनुसार यम सूर्य और सरान्यू के पुत्र हैं। शनिदेव के सौतेले भाई माने जाने वाले यमदेव का हिन्दू धर्म के अलावा पारसी और जावा के धर्म ग्रंथों में भी उल्लेख मिलता है।

09. देवराज इंद्र

वेदों के अनुसार इंद्र देवताओं के राजा हैं। इंद्र बिजली,तूफ़ान,बारिश और नदियों के स्वामी हैं। इंद्र का राज स्वर्ग पर है। इंद्र की सवारी समुद्र मंथन से उत्पन्न हुआ ऐरावत हाथी है और उनक सबसे शक्तिशाली हथियार वज्र है। महायोद्धा इंद्र ने वृत्रा नामक दैत्य का अंत कर इस संसार में बारिश और धूप के रूप में हरियाली और खुशियां लायी। बौद्ध धर्म में भी इंद्र देव को शक्रा के नाम से पूजा जाता है।

08. गौतम बुद्ध

पाठको आप में से कई लोग कहेंगे की गौतम बुद्ध बौद्ध थे लेकिन वैष्णव मानते हैं की बुद्ध भगवान विष्णु के के अवतार थे। आठवीं सदी में बुद्धा की निर्वाण प्राप्ति के बाद उन्हें देवता के रूप में पूजा जाने लगा। सिद्धार्थ से बुद्धा तक का सफर काम चमत्कारी नहीं था लेकिन महात्मा बुद्ध का सबसे बड़ा हथियार अहिंसा थी। और हमारी सूचि उनके बिना अधूरी रह जाती। 

07. ब्रह्मदेव

भगवान ब्रह्मा को इस ब्रह्माण्ड का रचियेता माना जाता है। उनके चार मुख चार अलग अलग दिशाओं में देखते हैं। ब्रह्मा को विष्णुदेव की नाभि कमल से उत्पन्न हुआ माना जाता है। वाणी के स्वामी,चारों वेदों के रचियेता ब्रह्मा जी त्रिमूर्ति में से एक हैं। कुछ पुराणों में ब्रह्मा जी को स्वंयभू यानि खुद से उत्पन्न हुआ माना गया है।

06. श्री गणेश

भगवान गणेश को गणपति और विनायक के नाम से भी जाना जाता है। गणेश जी के भारत सहित नेपाल और श्रीलंका में भी करोड़ों भक्त हैं। हिन्दू ही नहीं जैन और बुद्ध धर्म में भी भगवान गणेश को मान्यता दी गई है। भगवान गणेश को विघ्नहर्ता कहा गया है।जिसका मतलब है वो रास्ते में आनेवाली हर अर्चन को दूर कर सकते हैं। रिद्धि-सिद्धि के स्वामी गणेश को हिन्दू पूजा में सबसे पहले पूजे जाने का प्रावधान है।

05. हनुमान जी

रामायण में निर्णायक भूमिका निभाने वाले हनुमान जी बेहद शक्तिशाली देवता हैं। हनुमान जी को बहगवां शिव का अवतार माना जाता है। अंजना और केसरी पुत्र हनुमान को वायुपुत्र भी कहा जाता है। रामायण में हनुमान कई बार अपना आकार बदलते हैं। सूक्ष्म रूप से लेकर हिमालय पर्वत उठाने वाले विशाल रूप को धारण करने वाले हनुमान के पास सभी देवी देवताओं ने अस्त्र शस्त्र और विद्याओं का ऐसा भण्डार दिया है की हनुमान जी को युद्ध में हराना असंभव है। 

04. श्री कृष्ण

श्री कृष्ण को विष्णु भगवान का मानव अवतार माना जाता है। श्री कृष्ण का बचपन चमत्कारों और शरारतों से भरा रहा। कृष्ण अपने जीवन की अलग अलग अवस्थाओं में कभी एक शरारती ग्वाला रहे ,कभी प्रेमी तो कभी। नारायण अस्त्र,पाशुपास्त्र और सुदर्शन चक्र से संपन्न भगवान कृष्ण ने बिना कोई भी अस्त्र उठाये महाभारत के युद्ध में पांडवों को विजय दिलवायी। इसी से श्री कृष्ण के शक्ति का अनुमान लगाया जा सकता है।

03. श्री राम

रामचंद्र भगवान विष्णु के सातवें अवतार माने जाते हैं। दुनिया का सबसे बड़ा महाकव्य रामायण भगवान राम की कहानी पर ही आधारित है। श्री कृष्ण के साथ साथ प्रभु राम को भी श्री हरी विष्णु का महत्वपूर्ण अवतारों में से एक माना जाता है। उनकी पत्नी देवी सीता को माता लक्ष्मी का अवतार माना गया है। भगवान राम को विश्वामित्र ने सभी अस्त्रों से संपन्न किया था। प्रभु राम काल चक्र,विष्णु चक्र,इन्द्रास्त्र,ब्रह्मास्त्र,पाशुपास्त्र और भी कई अस्त्रों-शस्त्रों के स्वामी थे। उन्होंने लंका के शक्तिशाली राक्षस रावण को वानर सेना के साथ हराया था।  

02. विष्णुदेव

हिन्दू धर्मग्रंथों के अनुसार विष्णु परमेश्वर के तीन मुख्य रूपों में से एक रूप हैं। पुराणानुसार विष्णु की पत्नी लक्ष्मी हैं। कामदेव विष्णु जी का पुत्र था। विष्णु का निवास क्षीर सागर है। उनका शयन शेषनाग के ऊपर है। उनकी नाभि से कमल उत्पन्न होता है जिसमें ब्रह्मा जी स्थित हैं।

वह अपने नीचे वाले बाएँ हाथ में पद्म  , अपने नीचे वाले दाहिने हाथ में गदा ,ऊपर वाले बाएँ हाथ में शंख  और अपने ऊपर वाले दाहिने हाथ में चक्र धारण करते हैं।श्री विष्णु वैष्णव भगवान विष्णु को हरी का रूप या परमपिता परमेश्वर मानते हैं। भगवान विष्णु संसार का संचालन करते हैं। जब-जब इस पृथ्वी पर पाप की अति होती है,भगवान विष्णु अवतार लेकर बुरी शक्तियों का अंत करते हैं। ऐसा माना जाता है की श्री विष्णु धर्म की स्थापना के लिए चौबीस बार अवतरित हो चुके हैं।

01.भगवान शिव

हिन्दू धर्म में सबसे शक्तिशाली देवता में भगवान शिव को पहले स्थान पर रखा जाता है। ऐसा ऐसा माना जाता है की शिव ही इस संसार के सृजनकर्ता,पालनकर्ता और संहारकर्ता हैं। धर्मग्रंथों में भगवान शिव को निराकार,असीमित,ब्रह्मात्मा माना गया है। जिससे पूरी सृष्टि का सृजन हुआ है। आदियोगी भगवान शिव ध्यान और कला के स्वामी हैं। अस्त्र-शस्त्र वरदान में देने वाले भगवान शिव समस्त ज्ञान के भी स्वामी हैं। 

0 कमेंट
3

You may also like

एक टिप्पणी छोड़ें