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धरती का पहला मनुष्य कौन था ?

by Tulsi Pandey

संसार में अनेक धर्म हैं जिनमे हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई मुख्य हैं। सभी धर्मों में हिन्दू धर्म को सबसे प्राचीन माना गया है। वैदिक धर्म अथवा सनातन धर्म वास्तविक में हिन्दू धर्म का नाम है। हिन्दू शब्द की उत्पत्ति सिंधु शब्द से मानी जाती है। सिंधु एक नदी है जिसका उद्गम स्थल हिमालय पर मानसरोवर है। यह एशिया की सबसे लम्बी नदियों में से एक है। कहा जाता है कि हिन्दू धर्म की उत्पत्ति मनुष्य की उत्पत्ति से भी पहले हुई थी।आज हम इस पोस्ट में आपको बताएँगे की मनु और संसार का पहला मनुष्य कौन था ?

पहला मानव कौन ?

प्राचीनकाल में ऋषियों ने भारतवर्ष को हिन्दु स्थान नाम दिया जिसका अपभ्रंश हिंदुस्तान हो गया। यह एक धर्म नहीं अपितु जीवन पद्धति है। जिसे अलग अलग स्थान से भारत में आये लोगों ने धर्म का नाम दिया। प्राचीन काल में भारतवर्ष में सभी लोग इसी जीवन पद्धति का अनुसरण करते थे। उस समय कोई और धर्म नहीं था। अब प्रश्न ये उठता है की क्या सनातन जीवन पद्धति की उत्पत्ति मानव की उत्पत्ति से भी पहले हुई तो पृथ्वी पर प्रथम मानव कौन उत्पन्न हुआ ? जिसने इस जीवन पद्धति का अनुसरण किया और संसार को आगे बढ़ाया।

सृष्टि की रचना

वैदिक धर्म ग्रंथों के अनुसार इस सृष्टि की रचना ब्रह्मा द्वारा की गयी। जब ब्रह्मा जी भगवान विष्णु की नाभि से उत्पन्न हुए तो वो किंकर्तव्यविमूढ़ हो गए। उन्हें समझ नहीं आ रहा रहा था कि उन्हें क्यों उत्पन्न किया गया है। तब भगवान विष्णु ने उन्हें सृष्टि की रचना का आदेश दिया। इस आदेश का पालन करते हुए सृष्टि की रचना हेतु ब्रह्मा जी ने सबसे पहले स्वयम्भुव मनु को उत्पन्न किया। जो पृथ्वी के प्रथम पुरुष थे और प्रथम स्त्री शतरूपा थी। इनके पश्चात ब्रह्मा जी ने अनेक मानस पुत्रों को उत्पन्न किया। जिन्होंने इस सृष्टि का विस्तार करने के लिए भिन्न भिन्न रूप से योगदान दिया।

मनु की उत्पत्ति

मनु से ही मानव शब्द की उत्पत्ति हुई। संस्कृत में मनुष्य शब्द की उत्पत्ति भी मनु के नाम से ही हुई।  कहा जाता है कि अंग्रेजी का ‘मैन’ शब्द भी मनु से ही निकला है। संसार के सभी मनुष्य उसकी ही संतानें हैं। महाभारत में आठ मनुओं का उल्लेख है जबकि श्वेत वराह कल्प में 14 मनुओं के नाम उल्लेखनीय हैं।  ब्रह्मा का एक दिन कल्प कहलाता है। एक कल्प में चौदह मनु होते हैं। प्रत्येक मनु के काल को मन्वन्तर कहते हैं। वर्तमान के मनु का नाम वैवस्वत है जो सातवें मनु हैं। स्वयम्भुव मनु के अतिरिक्त अन्य तेरह मनु स्वयम्भुव मनु के कुल के ही थे।

मनु से मनुष्य

स्वयम्भुव मनु और शतरूपा की पांच संतानें हुईं। जिनमें उत्तानपाद और प्रियव्रत नामक दो पुत्र और आकूति, देवहूति और प्रसूति नामक तीन कन्याएं थीं।  उत्तानपाद की सुनीति व् सुरुचि नामक दो पत्नियां थी। सुनीति से ध्रुव और सुरुचि से उत्तम नामक पुत्र प्राप्त हुए। उत्तानपाद और सुनीति पुत्र ध्रुव भगवान विष्णु के परमभक्त थे। बाद में ध्रुव एक तारा बन गए थे। दूसरे पुत्र प्रियव्रत का विवाह बहिर्ष्मती के साथ हुआ जो विश्वकर्मा की पुत्री थी। स्वयम्भुव मनु की पुत्रियों में आकूति का विवाह प्रजापति रुचि, प्रसूति का विवाह प्रजापति दक्ष, और देवहूति का विवाह प्रजापति कर्दम के साथ हुआ। और इस प्रकार स्वयम्भुव मनु से सृष्टि का प्रसार हुआ। यदि वैदिक धर्म ग्रंथों की मानें तो वास्तव में सबसे प्राचीन धर्म सनातन धर्म के प्रथम व्यक्ति मनु ही दुनिया के पहले मानव थे ।

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